Amazon का $13 Billion निर्यात लक्ष्य: भारत से वैश्विक बाजारों में शानदार प्रगति

E-commerce की दिग्गज कंपनी Amazon ने गुरुवार को घोषणा की कि वह 2024 के अंत तक भारत से $13 बिलियन के संचयी निर्यात को पार करने की राह पर है। यह पिछले वर्ष के $8 बिलियन से 62.5 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। कंपनी ने 2025 तक भारत से $20 बिलियन के निर्यात का लक्ष्य रखा है।

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Amazon इंडिया के ग्लोबल ट्रेड डायरेक्टर भूपेन वकंकर ने बताया, "हमें पूरा विश्वास है कि हम इस वर्ष के अंत तक $13 बिलियन का आंकड़ा पार कर लेंगे और हम 2025 तक $20 बिलियन के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सही रास्ते पर हैं।"

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Amazon और Walmart के बीच प्रतिस्पर्धा

जहां Amazon अपनी महत्वाकांक्षी निर्यात योजनाओं के साथ आगे बढ़ रही है, वहीं उसके प्रतिद्वंद्वी Walmart ने हाल ही में भारत से 2027 तक $10 बिलियन के वार्षिक निर्यात का लक्ष्य घोषित किया है। भूपेन वकंकर ने कहा, "यह बहुत अच्छी बात है जब और लोग इस पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठा रहे हैं। Amazon का नजरिया स्पष्ट है: हम प्रतिस्पर्धा-केन्द्रित नहीं, बल्कि ग्राहक-केन्द्रित हैं। हमारा लक्ष्य विक्रेताओं को सर्वोत्तम टूल्स और तकनीकों के साथ सक्षम बनाना है।"

Amazon का ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम: विक्रेताओं के लिए नई संभावनाएँ

Amazon ने 2024 का अपना वार्षिक ‘एक्सपोर्ट्स डाइजेस्ट रिपोर्ट’ जारी किया, जिसके अनुसार पिछले वर्ष प्लेटफार्म पर विक्रेताओं की संख्या में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई। Amazon का ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम 2015 में लॉन्च हुआ था और पिछले नौ वर्षों में इसने 200 से अधिक भारतीय शहरों से 150,000 निर्यातकों को अपने साथ जोड़ा है।

इन विक्रेताओं ने दुनियाभर के ग्राहकों को 40 करोड़ से अधिक 'मेड इन इंडिया' उत्पाद बेचे हैं। Amazon ने विक्रेताओं को बाजार तक पहुंच, बाजार खुफिया, और क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स जैसी सुविधाओं को सरल बनाकर उनके व्यापार को और अधिक सुगम बनाया है।

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विकासशील राज्यों की भागीदारी

Amazon ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम में महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, और कर्नाटक जैसे राज्यों ने सबसे अधिक विक्रेताओं की भागीदारी दिखाई है। यह दिखाता है कि भारत के विभिन्न राज्यों के उद्यमी वैश्विक बाजार में अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं और 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को विश्व स्तर पर पहचान दिला रहे हैं।

उभरते उत्पाद श्रेणियां और बाजार की चुनौतियाँ

2024 में, ब्यूटी और एपैरल जैसी श्रेणियों में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, क्रमशः 40 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की दर से। एपैरल श्रेणी में विभिन्न आकार और स्टाइल के चलते चुनौतियां हैं, लेकिन लोग ट्रेंड्स को समझने के साथ-साथ इस श्रेणी में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं।

भूपेन वकंकर ने बताया कि AI तकनीक का प्रभाव भी तेजी से बढ़ रहा है, जो ई-कॉमर्स संचालन, लिस्टिंग ऑटोमेशन, कीवर्ड ऑटोमेशन, फोटोग्राफी और वीडियो ऑटोमेशन को प्रभावित कर रहा है।

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बाजार खुफिया और सरल भुगतान प्रक्रियाएं

वकंकर ने यह भी बताया कि बाजार खुफिया उपकरण विक्रेताओं को यह जानने में मदद कर रहे हैं कि ग्राहक उनके उत्पादों और उनके प्रतिस्पर्धियों के प्रति कैसे प्रतिक्रिया दे रहे हैं। Amazon की क्रॉस-बॉर्डर लॉजिस्टिक्स और भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाना भी निर्यातकों के लिए बड़ा लाभ साबित हो रहा है। ग्राहक किसी भी मुद्रा में भुगतान कर सकते हैं, जबकि विक्रेता अपने बैंक खातों में स्थानीय मुद्रा में सीधे धन प्राप्त कर सकते हैं।

Amazon की वैश्विक पहुंच का बढ़ता प्रभाव

Amazon की सरल प्रक्रियाओं ने विक्रेताओं के लिए वैश्विक बाजार में प्रवेश करना आसान बना दिया है। आज, विक्रेता एक बार लिस्टिंग करके वैश्विक स्तर पर बेच सकते हैं, जो पहले असंभव था। पहले फ्रांस जैसे बाजारों में प्रवेश के लिए व्यक्तिगत रूप से यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन अब बाजार तक पहुंच में काफी सुधार हुआ है।

Amazon की यह प्रगति यह दिखाती है कि कैसे भारतीय निर्यातक वैश्विक बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं और 'मेड इन इंडिया' उत्पादों को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचा रहे हैं।

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