Taaza Khabar Season 2: Bhuvan Bam का शो क्यों साबित हो रहा है समय की बर्बादी ?

Taaza Khabar Season 2: Bhuvan Bam का शो क्यों साबित हो रहा है समय की बर्बादी ?
Taaza Khabar Season 2: Bhuvan Bam का शो क्यों साबित हो रहा है समय की बर्बादी ?

Bhuvan Bam का शो Taaza Khabar Season 2 इस समय Disney+ Hotstar पर स्ट्रीम हो रहा है, लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह सीजन अपने पहले सीजन से कुछ नया लेकर आया है? वसंत गवडे का किरदार फिर से सामने है, जो हर बार की तरह खुद के लिए ताज़ा खबर पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। इस सीजन में श्रिय पिलगांवकर और जावेद जाफरी जैसे कलाकार भी नजर आ रहे हैं, लेकिन क्या ये कास्ट और शो की स्टोरीलाइन दर्शकों को बांधे रखने में सक्षम है?

फ्लैशबैक का फंदा: स्क्रिप्ट की कमजोरियों का संकेत

जब किसी स्क्रिप्ट में बार-बार flashback का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत होता है कि लेखन में दम नहीं है। Taaza Khabar Season 2 की स्क्रिप्ट में ऐसे कई flashback आते हैं, जो न केवल शो की रफ्तार को धीमा करते हैं, बल्कि दर्शकों को कन्फ्यूज भी कर देते हैं। कहानी में बार-बार पीछे जाकर उस अतीत को दिखाना, जिसे दर्शक पहले ही समझ चुके होते हैं, एक कमजोर लेखन का प्रतीक है। इस सीजन की सबसे बड़ी कमजोरी यही है कि जब वसंत भविष्य देख सकता है, तो अतीत में जाना क्यों ज़रूरी है?

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कहानी में नया क्या है?

पहले सीजन के बाद जिन दर्शकों ने वसंत के सफर को देखा, वे जानना चाहते थे कि आगे क्या होगा। सीजन 2 की शुरुआत वहीं से होती है जहां सीजन 1 खत्म हुआ था, लेकिन इस बार कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट है – वसंत की मौत। हां, वसंत के सामने अब सवाल यह है कि वह अपनी Taaza Khabar के जरिए अपनी मौत को कैसे रोक सकता है?

वसंत के इस सफर में कई उतार-चढ़ाव हैं। वह दौड़ता है, चिल्लाता है, झूठ बोलता है, हत्या करता है, और न जाने क्या-क्या करता है, लेकिन उसके कामों में कोई गहराई या सहानुभूति नहीं है। यह सिर्फ एक manipulative सफर लगता है, जिसमें उसका हर कदम निराशाजनक है। विजय निकम और अतिशा नाइक द्वारा निभाए गए वसंत के माता-पिता, प्रथमेश परब का किरदार पीटर, और देवेन भोजानी का बेकरी मालिक मेहबूब जैसे किरदार वसंत के अजीबोगरीब फैसलों का शिकार बनते हैं।

क्लाइमैक्स में प्रवेश: विलेन का आगमन

जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, शो के असली विलेन Yusuf (जावेद जाफरी) की एंट्री होती है, जो वसंत का सबसे बड़ा दुश्मन बनता है। Yusuf का किरदार जितना शक्तिशाली है, उतनी ही कमजोर है उसकी स्क्रिप्ट। कहानी में कोई ठोस climax नहीं है और Yusuf का किरदार सिर्फ एक साजिश का हिस्सा बनकर रह जाता है।

वसंत का सफर: क्या उसने कुछ सीखा?

सीजन 2 का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि वसंत ने अपनी यात्रा से कुछ भी नहीं सीखा। हर बार उसे एक नई Taaza Khabar मिलती है और वह उसी रास्ते पर चल पड़ता है। शो की स्क्रिप्ट इतनी कमजोर है कि दर्शक भी उसके फैसलों पर सवाल उठाना बंद कर देते हैं। वसंत का हर नया कदम एक पुरानी चाल लगता है।

लेखन की कमजोरियां और शो की गिरती रफ्तार

शो की सबसे बड़ी कमजोरी इसका लेखन है। कहानी बार-बार खुद को दोहराती है और इसमें कुछ भी नया या रोमांचक नहीं है। पात्रों के बीच कोई ठोस संवाद नहीं है और उनके कर्मों के कोई परिणाम नहीं दिखते। पुलिस और अन्य संस्थाओं का कोई अस्तित्व नहीं दिखता, जैसे वे इस दुनिया में मौजूद ही नहीं हैं। मुंबई शहर की पृष्ठभूमि में दिखने वाला माहौल भी पूरी तरह से irrelevant है।

निष्कर्ष: क्या यह शो वाकई ताज़ा है?

Taaza Khabar Season 2 में वह चिंगारी गायब है जो इसे वाकई taaza बना सके। Bhuvan Bam की एक्टिंग में एक प्राकृतिक screen presence है, लेकिन यह शो की कमजोर स्क्रिप्ट को सहारा नहीं दे पाती। वसंत का सफर कहीं भी नई दिशा नहीं लेता और शो की कमजोरियां हर एपिसोड के साथ और स्पष्ट हो जाती हैं।

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